गंधक वटी
पैक का आकार : 80 टैब
सामग्री सूची:
शास्त्रीय तैयारी
मुख्य लाभ:
इस दवा का उपयोग अपच के उपचार में किया जाता है। यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है। यह पेट की गैस, कब्ज, सूजन, हाइपरएसिडिटी और कई अन्य पेट संबंधी विकारों में उपयोगी है।
का उपयोग कैसे करें:
1 से 4 गोली सुबह और शाम गर्म पानी के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार लें।
उत्पाद वर्णन
स्वदेशी गंधक वटी पाचन तंत्र से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए एक क्लासिक आयुर्वेदिक दवा है। गंधक वटी में दीपन (भूख बढ़ाने वाला) और पाचन (पाचन) गुण होते हैं। यह खराब पाचन में सहायक है क्योंकि यह भोजन के पाचन के लिए जिम्मेदार पाचन अग्नि को बेहतर बनाता है। यह दवा पेट की गैस, कब्ज, सूजन, हाइपरएसिडिटी और कई अन्य पेट संबंधी विकारों में भी उपयोगी है।
मुख्य घटक:
शुद्ध गंधक
- शुद्ध सल्फर खांसी, दमा, क्षय रोग, सामान्य दुर्बलता, यकृत और तिल्ली की वृद्धि, जीर्ण ज्वर आदि में उपयोगी है। यह त्वचा रोगों के लिए प्रसिद्ध औषधि है। गुड़ या दूध की मलाई के साथ मिलाकर इसे बवासीर, प्रोलैप्स और सिकुड़न तथा जीर्ण त्वचा रोगों में दिया जाता है।
शुनथुई
- शरीर में तेल का स्राव बढ़ जाता है क्योंकि इसमें सुगंधित तेल होता है। शुंठी तीखी होने के बावजूद वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाने में बहुत सहायक है। इसके सेवन के बाद पाचन क्रिया के गुण के कारण यह कब्ज में भी मदद करती है। यह उल्टी रोकने में मदद करती है, स्वर को बढ़ाती है और कई गैस्ट्रिक रोगों में उपयोगी है। यह हाथीपांव, पेट की पाचन क्रिया, सूजन और बवासीर में दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी है। इसमें आंतों की दीवारों से पानी को अवशोषित करने का गुण होता है और इस प्रकार यह मल को ठोस बनाने में उपयोगी है। त्वचा पर चकत्ते की समस्या को दूर करने के लिए इसे गुड़ के साथ लेना चाहिए। प्याज के रस के साथ लेने पर यह उल्टी रोकने में मदद करता है।